देश में २०० से अधिक इकाइयों की लैमिनेट इण्डस्ट्री जो कि दो साल से भी अधिक समय से कई मुसीबतों का सामना कर रही है उसके लिए एक ओर मुसीबत आ पडी है । दिपावली के बाद उनके लिए कच्चे माल के सप्लाई में कमी और किंमतों में भारी उछाल की समस्या आ गई है जिससे पूरी लैमिनेट इण्डस्ट्री मुश्किल में आ गई है । आयाती कच्चे माल (जैसे की कैमिकल, डेकोर पेपर तथा क्राफ्ट पेपर) की सप्लाइ में ३० से ४० प्रतिशत तक की कमी आ गई है, और जो माल आ रहा है उसके डीलीवरी समय में भी टाइम लग रहा है और ऊपर से किंमतों में ३० से ३५ प्रतिशत की वृद्धि हो गई है बाजार की डीमान्ड को पूरा करने में लैमिनेट युनिट धारको को काफी दिक्कते आ रही है, उत्पादन में ३० से ४० प्रतिशत की कमी आ गई है, खर्चे वही है जबकी आय कम हो रही है, प्रोफिट माजन शून्य तक आ गया है, कई युनिटो की हालत तो इससे भी बदत्तर है, इन मुश्किलों से लैमिनेट मैन्युफैक्चरर्स बेहद परेशान है । पिछले महिनो में लैमिनेट शीट्स की किंमतों में तीन बार वृद्धि की नोबत आई फिर भी वर्तमान परिस्थितियों में युनिटधारको की फाइनान्सियल स्थिति में कोई सुधार का आसार नहीं दीख रहे । उत्पादकों का मानना है कि यह स्थिति दो-तीन महिने ओर रहने की संभावना है ।
