Editorial

एडिटोरियल: नए साल में मार्केटिंग मेनेजमेंट

समय जल्दीसे गुजर रहा है और बदल भी रहा है। 2021की साल पूरी हो रही हैं। कुछ पूरानी यादें छोडकर तोकुछ नई आशा और उम्मीदों के साथ नया साल समयके दरवाजे पर दस्तक दे रहा हैं। समय के साथ हर क्षेत्रमें परिवर्तन या बदलाव आते रहते है, उस तरह हमारे व्यवसाय-उघोगमें भी बदलावली प्रक्रिया चलती रहती हैं।

   मार्केटींग की बात करे तो प्रोडक्शन, सेल्स और सर्विससे जूडी एक अहम कडी मार्केटींग व्यवसाय है जीसे कंपनी अपने चुने हुए लोग (एम्प्लाईस) द्रारा बेहतर बनानेका प्रयास करती है

   सदियोंसे ्यलते आये बिजनेशके र्ढा्येमें समय समय पर बदलाव हुए है, पुराने समयमें यह बदलाव ईतने जल्दी नहीं होते थे जीतने आज हो रहे हैं। व्यापार-उघोगमें जरुरते, अपोर्य्यूनीटी, भविष्यकी योजनाएँ की सो्य के साथ शिक्षा और प्रशिक्षणमें काफी बदलाव हुआ है।. मेडीकल, आईटी, टेकनीकल, इन्जीनियरींग, विज्ञान और कोमर्स (वाणिज्य) के साथ अन्य शिक्षा-प्रशिक्षण प्रबंदनो प्रति नई पीढी आकर्षीत हई है खासकर आज  एडमिनिस्ट्रेशन या मार्केटींग मेनेजमेन्ट प्रति युवापीढी का जुडाव विशेष घ्यान आकर्षीत करता है, और आवश्यक भी है क्यों की वर्तमान और भविष्य की व्यापार व्यवस्थामें मार्केटींग मेनेजमेन्ट का अहम रोल हैं।.

    कुछ साल या कुछ दशक पहले यह अलग बात थी की उघोग-व्यवसाय परंपरागत प्रयास या ढा्ंयेसे यलते थे, क्यों की बदलावकी प्रक्रिया, प्रतिस्पर्घा, संशोघन और विकास की प्रक्रिया घीमी या कम थी और ग्राहकोमें जागरुता भी कम थी। आज वैश्विक अर्थव्यवस्था में उपभोक्तावाद का हाथ उपर है, प्रतिस्पर्घा हर क्षेत्र में है। प्रोडक्ट, पेकींग, सर्विस और प्राइजींग प्रति उपभोक्ता काफी हद तक जागरुत है और ईसीलिए हर कंपनी के पास मजबूत मार्केटींग व्यवस्था होनी जरुरी है ।.

   कई सालसे हम देखते आये है कि वुड इन्डस्ट्रीसे जूडे उघोग-व्यवसाय में बदलाव और नई है टैकनोलोजी अपनाने की प्रक्रिया बहुत घीमी हैं और मार्केटींग मेनेजमेन्ट या मार्केटींग स्ट्रेहेजी पर हम कम घ्यान दे रहे है। विकसित देशोकी तुलनामें टैकनोलोजी, प्रोडक्शन प्रक्रिया, संशोघन और विकास प्रक्रिया घीमी रही है।. मानव स्त्रोत पर हमारा घ्यान ज्यादा केन्द्रीत रहा लेकिन ईस स्त्रोत के साथ हम टैकनोलोजी का ज्यादा से  ज्यादा सहारा लेकर अघिकतम उत्याद लेकर स्थानिय एवं वैश्विक बाजारमें हम अपना प्रमुख स्थान नहीं बना पाये है।. शायद आर्थिक संशोघन और पूरी उत्पादक क्षमता और मार्केटींग व्यवस्थाका हम पूरी तरहसे उपयोग नहीं कर पाये है ।. कुछ कंपनिया ईस व्यवस्थाका आज अय्छा परफोर्म कर रही है और कुछने ईसके लिए योजना बनाई है।    

   कंपनी सेके्रटरी, बिजनेश एडमिनिस्ट्रेशन या मार्केटींग मेनेजमेन्ट ओर ब्रान्ड प्रमोशन पर कई कम्पनिया अपना माइन्ड सेट करके बैठी है और कडी प्रतिस्पर्घावाले माहोलमें यह जरुरी भी है।.

  प्लानींग, निश्रि्यत उदेश्य, गोलका निर्घारण, प्रोडक्टसकी किंमत, गुणवता, आइडिया और सर्विसको बाजारमें सहि या आक्रमक रुपसे पेश करना मार्केटींग मेनेजमेन्ट का प्रमुख कार्य है । कंपनीके प्रोकीट मार्जीन को बढाकर कंपनीका विकास और विस्तार कर उसे बाजारमें शिर्ष या र्उ्ये स्थान पर रखना, उपभोक्ताकी जरुरते और अपेक्षाओं को समजकर अपनी प्रोडक्ट को बेहतर स्तरमें पेश करना बाजारके रुख और प्रतिस्पर्घकोकी स्थियिा शक्तिको नापना एक सफल मार्केटींग पर्सनालिटी का काम है।.

  मार्केटींग मेनेजमेन्ट में जोखिम का खयाल रखकर कुछ साहसी और जोखिमवाले निर्णय लेने होते है। कई बार अपनी मर्यादाओं और बाजारकी जरुरतोके ब्यि रास्ता निकालकर हमें निर्णय लेना होता है लेकिन हर बार परिस्थितसे समजौता करके, अपनी मर्यादाओंके साथ अपनी गाडी ठीक चलती है ईस मनोदशाके साथ हम कंपनीको बेहतर भविष्यकी और नहीं ले जा शकते।.

  वुड इन्डस्ट्री के पास अनुभव, व्यापार – उघोगवाली सो्य-समज, नई पेढीका स्ंयालन और कला तथा दुनियाभरकी जरुरते और उपलब्घीयोंका स्पष्ट चित्र तथा माहिती आदान-प्रदान, प्रशिक्षण और प्रावघानका प्लेटफोर्म तैयार है।. हमें अपने साघन जुटाकर सुनिश्रि्यत स्ट्रैटेजी और मार्केटींग व्यवस्था पर घ्यान देना होगा । देशमें कई सफल कंपनीर्यां है जो हमें ईस बारे में प्रेरणा दे रही है, समय अबभी हमारे पास है. लक्ष्य हमारे सामने है, बस अब पूरी जोशके साथ काम करना है।     

हमारी शुभेय्छा आपके साथ है।

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